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पुरवाई

Tuesday, February 16, 2021

नए वसंत में

 


वसंत

यादों के पीलेपन

का

चेहरा है।

वसंत 

का चेहरा

पीला है

इस खुरदुरे समाज में 

पीलापन

अब सख्त सवाल है।

गेहूंआ

होकर कसूरी गंध 

पर

शब्दों की इबारत गढ़ी जा सकती है।

पीलेपन का 

उम्रदराज होना

और 

जगह जगह से

दरकना

वसंत नहीं माना जाता।

शब्दों की

भंगिमाओं के परे

एक 

नया पीलापन आकार ले रहा है

विचारों में।

ये 

उस गहरे पीले से 

कुछ 

हटकर है

चटख पीला।

वसंत

खेतों से होकर

उम्र की फसल पर आ थमा है।

खोजो

नए वसंत में 

कुछ 

पुराना और टूटता सा।

2 comments:

  1. कई सन्दर्भों को रेखांकित करती सुन्दर रचना...बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं..

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  2. हार्दिक शुभकामनाएं..जी बहुत आभार आपका।

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