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पुरवाई

Sunday, April 11, 2021

आभासी दुनिया की धुंध


 कांटों

के जंगल को 

गुलाब

एक तोहफा है।

कांटों

के मन 

में उठते

कोहराम के बीच

गुलाब

होना

और 

गुलाब बने रहना 

दुर्लभ चुनौती है।

गुलाब

का जीवन

कांटों भरा है

कांटों 

का जीवन 

कोई 

गुलाब नहीं है।

खूबसूरती 

की परिभाषा

है 

कि 

उसका

वाक्य 

अधूरा रह जाता है।

खूबसूरती

के बाहर

गुरूर का

दैहिक 

आवरण है

जो 

अंदर से उतना ही

स्याह है

एकांकी है

विद्रोही है

और 

अकेला है।

खूबसूरती

कभी नहीं जीतती

उसकी

और 

उससे

केवल हार के 

चीत्कार 

सुनाई देते हैं।

खूबसूरती

केवल 

आभासी 

दुनिया की धुंध 

की मानिंद 

जीती है 

अक्सर हारती हुई

और खुद

से

बेज़ार होती सी...।

11 comments:

  1. आभार आपका रवीन्द्र जी...

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  2. बहुत सुंदर रचना।

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    1. आपका बहुत आभार अनुराधा जी।

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  3. बहुत सुंदर सृजन, गुलाब

    होना

    और

    गुलाब बने रहना

    दुर्लभ चुनौती है।

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  4. बहुत आभार आपका सुरेंद्र कुमार जी।

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  5. बहुत सुंदर! एहसासों का कैनवास ।
    अप्रतिम।

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  6. Replies
    1. आभार आपका शकुंतला जी...।

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  7. सत्यता को रेखांकित करती सुंदर रचना ।

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