कांटों
के जंगल को
गुलाब
एक तोहफा है।
कांटों
के मन
में उठते
कोहराम के बीच
गुलाब
होना
और
गुलाब बने रहना
दुर्लभ चुनौती है।
गुलाब
का जीवन
कांटों भरा है
कांटों
का जीवन
कोई
गुलाब नहीं है।
खूबसूरती
की परिभाषा
है
कि
उसका
वाक्य
अधूरा रह जाता है।
खूबसूरती
के बाहर
गुरूर का
दैहिक
आवरण है
जो
अंदर से उतना ही
स्याह है
एकांकी है
विद्रोही है
और
अकेला है।
खूबसूरती
कभी नहीं जीतती
उसकी
और
उससे
केवल हार के
चीत्कार
सुनाई देते हैं।
खूबसूरती
केवल
आभासी
दुनिया की धुंध
की मानिंद
जीती है
अक्सर हारती हुई
और खुद
से
बेज़ार होती सी...।
आभार आपका रवीन्द्र जी...
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना।
ReplyDeleteआपका बहुत आभार अनुराधा जी।
Deleteबहुत सुंदर सृजन, गुलाब
ReplyDeleteहोना
और
गुलाब बने रहना
दुर्लभ चुनौती है।
बहुत आभार आपका सुरेंद्र कुमार जी।
ReplyDeleteबहुत सुंदर! एहसासों का कैनवास ।
ReplyDeleteअप्रतिम।
जी बहुत आभार आपका..
Deleteउम्दा रचना
ReplyDeleteआभार आपका शकुंतला जी...।
Deleteसत्यता को रेखांकित करती सुंदर रचना ।
ReplyDeleteआभार आपका
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