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पुरवाई

Tuesday, March 16, 2021

फूलों से बतियाना सफेद फूलों जैसा है


 

तुम्हें याद है

पहले फूल

जिन्हें हमने

साथ

छूआ था।

तुम कैसे

ठिठक गईं थीं

फूलों का सफेदीपन देखकर।

फूल और तुम

घंटों बतियाये थे

उनींदे

फूल

तुम्हें

बतियाते देख

कितने

खुश थे।

फूलों की दुनिया

में

सफेद

फूल

उम्रदराज़ कहलाते हैं

तुम और हम

उम्रदराज़ होने तक

सफेद

फूलों के साथ बिताएंगे हर दिन।

सच कहूं

फूलों से बतियाना

प्रेम

का

निवेदन

है

तुम्हारा

फूलों से बतियाना

सफेद फूलों जैसा है।

आओ

फूलों की रंगीन दुनिया में

एक

छत

सफेद फूलों की भी सजाएं...।

10 comments:

  1. Replies
    1. जी बहुत आभार आपका....।.

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  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 17 मार्च 2021 शाम 5.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. जी बहुत आभार यशोदा जी...।

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  4. अहा, प्रेम की पवित्रता कह गया आपका मन ।सुंदर प्रस्तुति ।

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    1. जी संगीता जी..प्रेम और सत्य श्वेत होते हैं...। आभार

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  5. सफेद

    फूल

    उम्रदराज़ कहलाते हैं

    तुम और हम

    उम्रदराज़ होने तक

    सफेद

    फूलों के साथ बिताएंगे हर दिन

    वाह!!!
    सफेद फूलों सी ही शुभ्रता लिए हुए मनभावन सृजन।

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  6. बहुत आभार सुधा जी...।

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  7. बहुत बहुत सुन्दर रचना

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  8. बहुत आभार आलोक जी...।

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