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पुरवाई

Monday, November 27, 2023

कागज की नाव


कागज की नाव

इस बार

रखी ही रह गई

किताब के पन्नों के भीतर

अबकी

बारिश की जगह बादल आए

और

आ गई अंजाने ही आंधी।

बच्चे ने नाव

सहेजकर रख दी

उस पर अगले वर्ष की तिथि लिखकर

जो उसे

पिता ने बताई

यह कहते हुए

काश कि 

अगली बारिश जरुर हो। 

6 comments:

  1. बेहतरीन अभिव्यक्ति सर।
    सादर।
    ------

    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार २८ नवम्बर २०२३ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  2. हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति । सादर वन्दे !

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  3. मार्मिक ! बारिश ज़रूर आएगी अगर इंसान पेड़ लगाना सीख ले और काटना छोड़ दे

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