Followers

No posts with label कविता आदमी स्मृति वैचारिक तमीज़. Show all posts
No posts with label कविता आदमी स्मृति वैचारिक तमीज़. Show all posts

कागज की नाव

कागज की नाव इस बार रखी ही रह गई किताब के पन्नों के भीतर अबकी बारिश की जगह बादल आए और आ गई अंजाने ही आंधी। बच्चे ने नाव सहेजकर रख दी उस पर अग...