Followers

Tuesday, August 22, 2023

अबकी बारिश

तुम अबकी बारिश

आ जाना

बीती कई बारिश

केवल 

तुम्हारे खत आ रहे हैं

उन्हें सीलन से बचाते हुए

मैं 

तुम्हें देखना चाहता हूं

उन खतों के आसपास।

उन खतों में आखर 

अब पीले होने लगे है।

1 comment:

ये हमारी जिद...?

  सुना है  गिद्व खत्म हो रहे हैं गौरेया घट रही हैं कौवे नहीं हैं सोचता हूं पानी नहीं है जंगल नहीं है बारिश नहीं है मकानों के जंगल हैं  तापमा...