कुछ
अहसास
जो
पथरा से गए हैं
उम्र
की कोख में।
उम्र
की
बुजुर्ग
होती
जिद के बीच
कुछ
शब्द बचा रखे हैं
कविता के लिए
प्रेम के लिए।
कहा जाता है
प्रेम
उम्रदराज़ भाषा में
गहरे तक
उभरता है।
इस उम्र में
भाव
की उकेरी गई
लकीरें
बहुत
सीधी होती हैं
आसानी से पढ़ी
जा सकने वाली।
सच
प्रेम
इसी उम्र
में
अनुभव होकर
जिंदगी
बन जाता है...।