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Sunday, June 27, 2021

मुझे पसंद है


 









तुम्हें पसंद है

मुझमें

स्वयं को खोजना

और 

मुझे पसंद है

तुम्हारे चेहरे पर नजर आना।

तुम्हें पसंद है

मेरे शब्द, भाव, गहनता

मुझे पसंद है

तुम्हारा वह

होले से आकर मुझे छू लेने वाला अहसास।

तुम्हें पसंद है

बारिश और उन बूंदों में

मेरा साथ

मुझे पसंद है

घर का दालान, बूंदें और तुम्हारे हाथों का स्पर्श।

तुम्हें पसंद है

अपने घर के दालान की मिट्टी की महक

मुझे पसंद है

तुम्हारे उस मर्म की गंध को छूते भाव।

तुम्हें पसंद है

घर के आंगन का नीम

मुझे पसंद है

तुम्हारा उस नीम को छूकर

पहली बार

मेरे मन के करीब आना।

तुम्हें पसंद है

सर्द हवा में मेरे मफलर में गर्माहट के रंग

मुझे पसंद है

तुम्हारे चेहरे का गुलाबी अपनापन।

तुम्हें पसंद है

हरीतिमा 

और मुझे पसंद हो

तुम 

क्योंकि

तुम और में 

एक ऐसे घर को गूंथ रहे हैं

जहां

प्रकृति के अंकुरण 

बहुत गहरे होंगे...।

हां 

सच हमारा घर महकता है

तुम्हारी और हमारी

इन नेह की फुहारों से।



ये हमारी जिद...?

  सुना है  गिद्व खत्म हो रहे हैं गौरेया घट रही हैं कौवे नहीं हैं सोचता हूं पानी नहीं है जंगल नहीं है बारिश नहीं है मकानों के जंगल हैं  तापमा...