मैंने देखा है अक्सर
तुम्हें
तब बहुत करीब से
जब
तुम
अक्सर थककर सुस्ताती हो
और सोचती हो पूरे घर को
थकी हुई रात के बाद
अगली सुबह के लिए।
मैंने देखा है
तुम्हें तब भी
जब उम्र के थक जाने के निशान
तुम्हारे
चेहरे पर
तब गहरे हो जाते हैं
जब देखती हो तुम
काले बालों के बीच
एक या दो सफेद बाल
जिन्हें तुम
आसपास देखकर
चुपचाप छिपा लेती हो
काले बालों के नीचे।
मैंने देखा है
तुम्हें तब भी
जब कोई नहीं उठता
तब
सबसे पहले तुम्हारी टूट जाती है नींद
अक्सर
जिम्मेदारियों को पूरी रात बुनते हुए।
मैंने देखा है
तुम्हें तब भी
जब अक्सर थकी हुई तुम
पूरे घर से आसानी से छिपा लेती हो
अपना दर्द, अपनी पिंडलियों की सूजन।
मैंने देखा है
तुम्हें तब भी
जब कोई भागते हुए
ठहरकर पूछ लेता है
तुम्हारे आंखों के नीचे
गहरे होते काले घेरों के बारे में
और तुम मुस्कुरा देती हो।
मैंने देखा है
तुम्हें तब भी
जब अक्सर
देर रात तक जागती रहती हो
और
दालान पर
नींद को रखकर
लेटी रहती हो बिस्तर पर
आहट पाते ही
सबसे पहले पहुंचती हो
और
बच्चे को गले से लगाकर
कहती हो
देर मत किया करो
मैं
सो नहीं पाती।
मैंने देखा है
तुम्हें तब भी
जब मैं अक्सर थक जाता हूं
और तुम भी
तब अक्सर होले से
तुम मेरे
माथे पर रखती हो हथेली
कहती हो
परेशान मत होना
सब ठीक हो जाएगा।
यकीन मानो
तुम्हारा स्पर्श
मैं गहरे तक महसूस करता हूं
मैं केवल मुस्कुरा देता हूं
यह कहते हुए
कि
रख लिया करो
तुम भी अपना ध्यान
इस भागती जिंदगी में।
मैं
इससे अधिक कहता नहीं
तुम
समझ जाती हो
कि
अक्सर
बहुत कुछ है
जो मैं कहना चाहता हूं
लेकिन
कहता नहीं
क्योंकि
जानता हूं
यह घर ही है
जो तुम्हें थकने नहीं देता
यह घर
हां
जिम्मेदारियों को अक्सर
ओढ़कर सो जाना
और
सुबह
उन्हें लिहाफ के साथ लपेटकर
अलमारी में रख देना
आसान नहीं होता।
मैं तुम्हें देखता हूं
और
जीता हूं
क्योंकि
तुम्हारे हर दर्द की कसक
पहले मुझे
अहसास करवाती है
कि
हम जिम्मेदार हो गए हैं
और
उम्रदराज़ भी।