शब्द और उसकी कोरों के बीच
भाव कहीं उलझे रह जाते हैं
अक्सर।
एक उम्र तक
एक सदी तक।
कोई नहीं सुलझाता उन्हें
कोई नहीं खोलना चाहता
उन उलझी गांठों को।
कुछ नेह की फांस होती हैं
वह अक्सर
चुभती रहती हैं
मन में
उम्र भर।
देखा है मैंने
ऐसी फांस कोई निकालना भी नहीं चाहता..।
कुछ रिश्ते जीवन भर
महकते हैं
अपने सुखद होने के अहसास के बीच।
हम उन रिश्तों के रेशों को बांधना नहीं चाहते
वे
हवा में मुस्कुराते ही अच्छे हैं।
बहुत अच्छे है ।
जवाब देंहटाएं