बारिश की बूंदों पर
लिखी हैं
अनेक उम्मीदें
पर्व
खुशियां
जीवन
सहजता
जीवन का दर्शन
और
प्रेयसी का इंतजार।
बूंदों को भी क्या हासिल
एक पल का जीवन
हजार ख्वाहिशों पर
हर बार कुर्बान।
काश कोई बूंद
जी पाती
एक सदी
ठहर पाती एक पूरी उम्र
देख पाती
क्या बदल जाता है उसके उस एक पल में।
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंआभार प्रियंका जी
हटाएंएक बूँद भी जीवित रहती है अनंत काल तक केवल रूप बदल जाता है उसका
जवाब देंहटाएंआभार आपका अनिता जी। सच कहा आपने...बस स्वरुप बदल जाता है।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में रविवार 6 जुलाई 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंइस नश्वर संसार में सबका समय निश्चित है,,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति
बहुत सुंदर रचना
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