Followers

Showing posts with label #जंगल #आदमी. Show all posts
Showing posts with label #जंगल #आदमी. Show all posts

Friday, February 5, 2021

आदमी जंगल को चाहने लगा है

 



पहाड़ तुम्हें

ठंड

लिखनी चाहिए

सबक 

के अध्याय

के तौर पर 

गर्म 

दिनों के लिए।

गर्म दिनों

के 

सबक 

याद रखने होते हैं

ठंड में।

तुम पहाड़ हो

तुम पर

मौसम 

लिखा जा सकता है

और 

लिखी जा सकती हैं

उसकी इबारत।

बारिश की बूंदें

तुममे

गहरे उतरती हैं

बर्फ

तुम्हें गहरे ढांकती है

गर्म मौसम

तुम्हारे

अंतस की नमी

सुखाता है।

तुम 

याद रखना

हवा की तासीर

क्योंकि

तुम्हें

समझना होगा

कि 

तुम्हारे पैरों लिपटे

जंगल

अब कोयला हो रहे हैं

कोयले के 

जंगल में

तुम्हें रहने का 

तरीका नहीं मालूम है।

तुम 

देख लिया करो

कभी अपने पैरों के जंगल को

तुम 

टूटोगे नहीं

तुम मोर नहीं हो।

तुम 

याद रखना सबक

क्योंकि

आदमी

जंगल को चाहने लगा है।

ये हमारी जिद...?

  सुना है  गिद्व खत्म हो रहे हैं गौरेया घट रही हैं कौवे नहीं हैं सोचता हूं पानी नहीं है जंगल नहीं है बारिश नहीं है मकानों के जंगल हैं  तापमा...