Followers

Showing posts with label #बोनसाई. Show all posts
Showing posts with label #बोनसाई. Show all posts

Tuesday, March 23, 2021

सच बोनसाई पौधा है


 

चेहरे 

और 

चेहरों की 

भीड़

के बीच

सच 

आदमी 

की 

आदत

नहीं रहा अब।

सच

केवल

घर के 

आंगन 

में बोया जाने वाला

बोनसाई

पौधा है

जो 

बाहरी खूबसूरती का 

चेहरा है।

बोनसाई

हो जाना

सच की नहीं

आदमी के

सख्त मुखौटे

की मोटी सी दरार है।

सच

दरारों में 

ही पनपता है

अनचाहे पीपल की तरह...।

ये हमारी जिद...?

  सुना है  गिद्व खत्म हो रहे हैं गौरेया घट रही हैं कौवे नहीं हैं सोचता हूं पानी नहीं है जंगल नहीं है बारिश नहीं है मकानों के जंगल हैं  तापमा...