जिंदगी
का वह हरेक दिन
जब हम साथ बैठ
खिलखिलाए
गुलाब थे।
वह हरेक दिन
जब हम
उलझनों पर
दर्ज करते थे जीत
गुलाब थे।
वह हरेक दिन
जब
तुम और
मैं
हम हो गए
गुलाब थे।
वह हरेक दिन
जब हम पनीली आंखों में
मुस्कुराए
गुलाब थे।
वह हरेक दिन
जब खुशियों में भीग गए
हमारे मन
गुलाब थे।
वह हरेक दिन
जब जब
कठिन दिनों में
तुमने रखा कांधे पर हाथ
गुलाब थे...।