हमेशा केवल तुममे
नज़र आती है...।
जानता हूँ
जिंदगी
तुम्हारे
सपनों पर हमेशा रखती है
तुम्हारे मुस्कुराने की शर्त।
बेटी
तुम्हें
लिखना
और पढ़ना
मेरे लिए
कठिन है
क्योंकि शब्दों
के चयन में
उलझ जाता हूँ
हां
तुम्हें महसूस करता हूँ
हर पल
तुम्हारे
चेहरे को देखकर।
अच्छा पिता
हूँ या नहीं
लेकिन
तुम्हें
ना हारते देख सकता हूँ
ना थकते।
अभी जिंदगी
को कांधे बैठाकर घूमना है तुम्हें
सपनों
को बाजू में दबाए..।
दौड़ना है
सपनों के सच होने तक
और
सपनों
के मुस्कुराने तक...।
मैं जानता हूँ
तुम्हें पता है
तुम्हारी आह
मेरी
श्वास
की गति
प्रभावित करती है
तुम
जीतोगी
क्योंकि
तुम्हारी मुस्कान तुम्हारी ताकत है
और