तुम्हें
सांझ से बतियाना पसंद है
मैं जानता हूं
तुम सांझ में खोजती हो
अपने आप को
मुझे
और
हमारे अपने दिनों की आभा को।
मैं
जानता हूं
तुम्हें सिंदूरी सांझ
इसलिए भी पसंद है
क्योंकि वह
तुम्हें अंदर से
सिंदूरी रखती है।
यकीन मानो
हमारा सांझ के साथ
ये सिंदूरी रिश्ता
उम्र
का सच्चा कोष है।
मैं
तुम्हें
और
तुम मुझे
खोज सकते हैं
सांझ के दरवाजे पर।
अलहदा कुछ नहीं है
सांझ
तुममें और मुझमें
साथ साथ
उतरती है
रोज
हर पल
हर दिन।