जब
खुशी से
सराबोर
हम दोबारा बुनेंगे
जीवन।
ये
भय की अंधियारी
बीत जाएगी।
सुबह
खुलकर
मिलेंगे
गले
और
लगाएंगे मरहम
अपनों के दर्द पर।
बेहद कठिन सफर है
आंखों में
अपनों के असमय चले जाने का
दर्द
कहीँ कोरों पर
नमक के बीच
आ ठहरा है।
आएगी सुबह
जब
थमी सी जिंदगी
मुस्कुरा उठेगी...।