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सोमवार, 27 सितंबर 2021

तुम्हारे लिए...


 

मैं जानता हूं

सफेद फूल का मौसम

तुम्हें और मुझे

दोनों को पसंद है।

हां

सफेद फूलों का मौसम

उनकी दुनिया

सब है

यहीं

कुछ तुम्हारे अंदर

कुछ मेरे

और 

बहुत सी

हम दोनों के विचारों में।

मैं तुम्हें

देना चाहता हूं

उन फूलों के साथ

कुछ श्वेत सा सच

जो तुम्हें

छूकर गुजरा है कई बार।

हवा की पीठ पर बैठकर

तुममें समाया है गहरे। 

तुम्हें याद है

सफेद फूलों के मौसम का

पहला पन्ना।

जिसमें हमने उकेरा था

श्वेत सा एक चेहरा

तुम जानती हो

श्वेत सा वह चेहरा

और फूलों का श्वेत मौसम

हमारी डायरी का हिस्सा हैं। 

जानती हो

श्वेत होना सजा है

क्योंकि 

श्वेत सुना नहीं जा सकता

इस दौर में।

श्वेत 

होकर जी रहे हैं 

हम और तुम

उस श्वेत से मौसम को बुनते हुए

जो

यकीकन

है

और आकार ले रहा है

हमारे इर्दगिर्द

इन्ही श्वेत फूलों से 

पराग चुनकर।

सच

डायरी का आखिरी पन्ना

भी 

श्वेत लिखना चाहूंगा

तुम्हें 

लिखना चाहूंगा। 

तुम कुछ पराग चुन लेना

उस डायरी के

आखिरी पन्ने पर सजाने के लिए।

ताकि महकता रहे

मौसम

फूल

और डायरी सा जीवन। 


 


अभिव्यक्ति

 प्रेम  वहां नहीं होता जहां दो शरीर होते हैं। प्रेम वहां होता है जब शरीर मन के साथ होते हैं। प्रेम का अंकुरण मन की धरती पर होता है।  शरीर  क...