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बुधवार, 18 जून 2025

तो जिंदगी आसान है

 जीने के लिए 

कोई खास हुनर नहीं चाहिए इस दौर में

केवल हर रोज

हर पल

हजार बार मर सकते हो ?

लाख बार धक्का खाकर

उस कतार से

बाहर और आखिरी तक पहुंचकर

दोबारा कतार का हिस्सा हो सकते हो ?

बिना शिकायत अंदर ही अंदर

रोते रहिए

चेहरे पर फिर भी मुस्कान बरकरार रख सकते हो ?

आगे चलते व्यक्ति को 

गलत साइड ओवरटेक कर 

चाहो तो 

दाखिल हो सकते हो

अमानवीयता के जंगल में यदि हां ?

तो जिंदगी आसान है

लेकिन 

यह न कहना

कि ये भी कोई जिंदगी है।

जिंदगी का अधिकांश भू भाग

इन्हीं तरह की कशमकश से भरा होता है। 


सोमवार, 16 जून 2025

जिंदगी कैसे कहें तुझसे कुछ मन की

जिंदगी बता तो सही

कैसे कहें तुझसे

कुछ मन की

कुछ बचपन की

कुछ जवानी की

कुछ उम्रदराज होने के पहले भयाक्रांत सच की।

हर हिस्सा

अपने अपने सच समेटे है

कोई किसी की सुनना नहीं चाहता 

केवल

अपनी सुनाना चाहता है

कौन है जो उम्र के इन हिस्सों की 

तसल्ली से बैठकर 

सुन ले...।

जिंदगी कोई शिकायत कहां है

हां

सवाल हैं

रहेंगे 

क्योंकि इस दौर में 

कोई और सुन भी कहां रहा है

हम अपनी 

और 

अपने मन भी

सुन नहीं पा रहे हैं

जिद है

सनक है

और

जिंदगी तुम हो...

निखालिस तुम...सवाल सी ?


रविवार, 15 जून 2025

जिंदगी यही तो है

बेशक तुम्हें पसंद है

इस दुनिया के रिवाजों में जीना

लेकिन

मुझे पसंद है

तुम्हारे साथ 

तुम्हारे समय और तुम्हारी उस बेफक्री में जीना

जहां 

कोई पाबंदी नहीं है

तुम हो

मैं हूं

और 

हमारा समय।

हां 

मैं विरोध करता हूं उन सभी बातों का

जो

तुम्हें और मुझे

हम कहे जाने का विरोध करती हों।

जिंदगी यही तो है

और 

इसके अलावा कोई दूसरी दुनिया भी तो नहीं।

 

तो जिंदगी आसान है

 जीने के लिए  कोई खास हुनर नहीं चाहिए इस दौर में केवल हर रोज हर पल हजार बार मर सकते हो ? लाख बार धक्का खाकर उस कतार से बाहर और आखिरी तक पहुं...