कागज की नाव
इस बार
रखी ही रह गई
किताब के पन्नों के भीतर
अबकी
बारिश की जगह बादल आए
और
आ गई अंजाने ही आंधी।
बच्चे ने नाव
सहेजकर रख दी
उस पर अगले वर्ष की तिथि लिखकर
जो उसे
पिता ने बताई
यह कहते हुए
काश कि
अगली बारिश जरुर हो।
कविताएं मन तक टहल आती हैं, शब्दों को पीठ पर बैठाए वो दूर तक सफर करना चाहती हैं हमारे हरेपन में जीकर मुस्कुराती हैं कोई ठोर ठहरती हैं और किसी दालान बूंदों संग नहाती है। शब्दों के रंग बहुतेरे हैं बस उन्हें जीना सीख जाईये...कविता यही कहती है।
कागज की नाव
इस बार
रखी ही रह गई
किताब के पन्नों के भीतर
अबकी
बारिश की जगह बादल आए
और
आ गई अंजाने ही आंधी।
बच्चे ने नाव
सहेजकर रख दी
उस पर अगले वर्ष की तिथि लिखकर
जो उसे
पिता ने बताई
यह कहते हुए
काश कि
अगली बारिश जरुर हो।
संदीप कुमार शर्मा, संपादक, प्रकृति दर्शन मासिक पत्रिका(प्रकृति दर्शन पत्रिका पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है) वर्ष 2024 में श्री कल्पतरु संस्थान जयपुर द्वारा आयोजित समारोह में महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र जी द्वारा ‘वृक्ष मित्र’ सम्मान प्रदान किया गया। इस दौरान ट्रीमैन ऑफ इंडिया श्री विष्णु लांबा जी सहित पर्यावरण पर कार्य कर रहे श्री कल्पतरु संस्थान के कार्यकर्ता विशेष रुप से उपस्थित थे। वर्ष 2025 में मध्यप्रदेश खंडवा में शुरुआत संस्था द्वारा आयोजित समारोह में वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेश बादल जी द्वारा ‘गणतंत्र के रक्षक’ सम्मान प्रदान किया गया। वर्ष 2025 में ही राजस्थान के अलवर स्थित भीकमपुरा में तरुण भारत संघ द्वारा आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह जी द्वारा ‘प्रकृति संवादक’ सम्मान प्रदान किया गया।
अब भी चस्पा है
बचपन
और
मेरी अबोध उम्र के निशान।
नदी भी तब
अबोध हो जाया करती थी
बार-बार
मेरे पैरों में पानी के मोटे-मोटे छींटे मार
लहरों में खिलखिलाती थी।
किनारा कच्चा था
लेकिन
नदी से उसका रिश्ता
मजबूत था
कभी भी नदी ने
उस किनारे को पीछे नहीं धकेला
हर बार
उसे छूती हुई
गुजर जाती।
उस किनारे कहीं
नदी की रेत में
एक घरोंदा बनाया था
जो आज तक
है
मेरे मन, भाव, शब्दों और नदी के भरोसे में।
मेरे पदचिन्ह
नदी के मुहाने तक चस्पा हैं
उसके बाद नदी है
नदी है
और
मेरी आचार संहिता।
संदीप कुमार शर्मा, संपादक, प्रकृति दर्शन मासिक पत्रिका(प्रकृति दर्शन पत्रिका पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है) वर्ष 2024 में श्री कल्पतरु संस्थान जयपुर द्वारा आयोजित समारोह में महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र जी द्वारा ‘वृक्ष मित्र’ सम्मान प्रदान किया गया। इस दौरान ट्रीमैन ऑफ इंडिया श्री विष्णु लांबा जी सहित पर्यावरण पर कार्य कर रहे श्री कल्पतरु संस्थान के कार्यकर्ता विशेष रुप से उपस्थित थे। वर्ष 2025 में मध्यप्रदेश खंडवा में शुरुआत संस्था द्वारा आयोजित समारोह में वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेश बादल जी द्वारा ‘गणतंत्र के रक्षक’ सम्मान प्रदान किया गया। वर्ष 2025 में ही राजस्थान के अलवर स्थित भीकमपुरा में तरुण भारत संघ द्वारा आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह जी द्वारा ‘प्रकृति संवादक’ सम्मान प्रदान किया गया।
तपिश के बाद
नदी की पीठ पर
फफोले हैं
और
खरोंच के निशान
हर रात
खरोंची जाती है
देह
की रेत
रोज हटाकर
खंगाला जाता है
गहरे तक.
हर रात
ऩोंची गई नदी
सुबह दोबारा शांत बहने लगती है
अपने जख्मों में दोबारा
रेत भरती है.
नदी की आत्मा
तक
गहरे निशान हैं
छूकर देखिएगा
नदी रिश्तों में नमक होती जा रही है.
एक दिन
खरोंची नदी
पीठ के बल सो जाएगी
हमेशा के लिए
तब तक हम
सीमेंट से जम चुके होंगे
अपने भीतर पैर लटकाए.
संदीप कुमार शर्मा, संपादक, प्रकृति दर्शन मासिक पत्रिका(प्रकृति दर्शन पत्रिका पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है) वर्ष 2024 में श्री कल्पतरु संस्थान जयपुर द्वारा आयोजित समारोह में महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र जी द्वारा ‘वृक्ष मित्र’ सम्मान प्रदान किया गया। इस दौरान ट्रीमैन ऑफ इंडिया श्री विष्णु लांबा जी सहित पर्यावरण पर कार्य कर रहे श्री कल्पतरु संस्थान के कार्यकर्ता विशेष रुप से उपस्थित थे। वर्ष 2025 में मध्यप्रदेश खंडवा में शुरुआत संस्था द्वारा आयोजित समारोह में वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेश बादल जी द्वारा ‘गणतंत्र के रक्षक’ सम्मान प्रदान किया गया। वर्ष 2025 में ही राजस्थान के अलवर स्थित भीकमपुरा में तरुण भारत संघ द्वारा आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह जी द्वारा ‘प्रकृति संवादक’ सम्मान प्रदान किया गया।
संदीप कुमार शर्मा, संपादक, प्रकृति दर्शन मासिक पत्रिका(प्रकृति दर्शन पत्रिका पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है) वर्ष 2024 में श्री कल्पतरु संस्थान जयपुर द्वारा आयोजित समारोह में महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र जी द्वारा ‘वृक्ष मित्र’ सम्मान प्रदान किया गया। इस दौरान ट्रीमैन ऑफ इंडिया श्री विष्णु लांबा जी सहित पर्यावरण पर कार्य कर रहे श्री कल्पतरु संस्थान के कार्यकर्ता विशेष रुप से उपस्थित थे। वर्ष 2025 में मध्यप्रदेश खंडवा में शुरुआत संस्था द्वारा आयोजित समारोह में वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेश बादल जी द्वारा ‘गणतंत्र के रक्षक’ सम्मान प्रदान किया गया। वर्ष 2025 में ही राजस्थान के अलवर स्थित भीकमपुरा में तरुण भारत संघ द्वारा आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह जी द्वारा ‘प्रकृति संवादक’ सम्मान प्रदान किया गया।
नदी
से रिश्ता
अब
सूख गया है
या
नदी के साथ
बारिश के दिनों वाले
मटमैले पानी के साथ
बहकर
समुद्र के पानी में मिलकर
खारा हो गया है।
नदी से रिश्ते में देखे जा सकते हैं
हजार दरकन
और
योजन सूखा।
एक दिन
रिश्ते के बेहतर होने की आस ढोती हुई नदी
समा जाएगी
हमेशा के लिए पाताल में।
नदी
और
हमारे रिश्ते में
अब भी
उम्मीद की नमी है
चाहें तो
बो लें कुछ अपनापन
रिश्ता
और बहुत सी नदी।
संदीप कुमार शर्मा, संपादक, प्रकृति दर्शन मासिक पत्रिका(प्रकृति दर्शन पत्रिका पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है) वर्ष 2024 में श्री कल्पतरु संस्थान जयपुर द्वारा आयोजित समारोह में महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र जी द्वारा ‘वृक्ष मित्र’ सम्मान प्रदान किया गया। इस दौरान ट्रीमैन ऑफ इंडिया श्री विष्णु लांबा जी सहित पर्यावरण पर कार्य कर रहे श्री कल्पतरु संस्थान के कार्यकर्ता विशेष रुप से उपस्थित थे। वर्ष 2025 में मध्यप्रदेश खंडवा में शुरुआत संस्था द्वारा आयोजित समारोह में वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेश बादल जी द्वारा ‘गणतंत्र के रक्षक’ सम्मान प्रदान किया गया। वर्ष 2025 में ही राजस्थान के अलवर स्थित भीकमपुरा में तरुण भारत संघ द्वारा आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह जी द्वारा ‘प्रकृति संवादक’ सम्मान प्रदान किया गया।
संदीप कुमार शर्मा, संपादक, प्रकृति दर्शन मासिक पत्रिका(प्रकृति दर्शन पत्रिका पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है) वर्ष 2024 में श्री कल्पतरु संस्थान जयपुर द्वारा आयोजित समारोह में महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र जी द्वारा ‘वृक्ष मित्र’ सम्मान प्रदान किया गया। इस दौरान ट्रीमैन ऑफ इंडिया श्री विष्णु लांबा जी सहित पर्यावरण पर कार्य कर रहे श्री कल्पतरु संस्थान के कार्यकर्ता विशेष रुप से उपस्थित थे। वर्ष 2025 में मध्यप्रदेश खंडवा में शुरुआत संस्था द्वारा आयोजित समारोह में वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेश बादल जी द्वारा ‘गणतंत्र के रक्षक’ सम्मान प्रदान किया गया। वर्ष 2025 में ही राजस्थान के अलवर स्थित भीकमपुरा में तरुण भारत संघ द्वारा आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह जी द्वारा ‘प्रकृति संवादक’ सम्मान प्रदान किया गया।
कहीं कोई खलल है कोई कुछ शोर कहीं कोई दूर चौराहे पर फटे वस्त्रों में चुप्पी में है। अधनंग भागते समय की पीठ पर सवाल ही सवाल हैं। सोचता ह...